“मिलेनियम सिटी में स्वास्थ्य सेवा का हाल बेहाल है, सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर कहाँ पर करोड़ों खर्च किया जा रहा है? जबकि चिकित्सक, नर्स या बेड की कमी के कारण मरीजों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है”
ये सवाल और आरोप दोनों है गुरुग्राम के मोहित मदनलाल ग्रोवर के, आज शहर के एक दौरे के दौरान उन्होंने शहर की लाचार स्वास्थ्य सेवाओं पर निशाना साधते हुए कहा कि गुरुग्राम में कोरोना संक्रमितों की बढ़ रही गिनती ने स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। उन्होंने मेफील्ड गार्डन रहने वाले कोरोना संक्रमित मरीज को बेड खाली न होने की वजह से अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज को घर वापिस भेजने वाले प्रकरण पर गहरी चिंता जताई
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश को लगभग 65% रेवन्यू देने वाले व आई.टी. क्षेत्र के हब कहलाये जाने वाले इस शहर में आज भी ब्लड रिपोर्ट इत्यादि के लिए मरीज के परिजनों को बार-बार चक्कर काटकर परेशान होना पड़ता है और यहाँ तक कि 15-15 दिन तक भी रिपोर्ट नहीं मिल पाती
उन्होंने बताया कि आधुनिक चिकित्सा के इस दौर में सिस्टम ऐसा होना चाहिए कि जांच रिपोर्ट मोबाइल एप या वेबसाइट द्वारा पर घर बैठे ही मिल जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल के खस्ताहाल को सुधारने कि लिए अभी तक कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया? जबकि कोरोना ने बहुत पहले से दस्तक दे दिया था।आज प्रदेश में गुरुग्राम ही क्यों कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है? इन सभी विफलताओं के लिए कौन जिम्मेवार है? जबकि ऐसे समय में तो चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी, स्वच्छ पेयजल, दवाई की अनुपलब्धता की कीमत किसी की जान से चुकानी पड़ सकती है। इसीलिए प्रशासन द्वारा खासतौर पर स्वास्थ्य विभाग की सुविधाओं में कोई कौताही नहीं बरतनी चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य क्षेत्र को सेवा का दर्जा दिया गया है और समाज में डॉक्टर को भगवान कहा जाता है
उन्होंने स्वास्थ्य कर्मी, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मी और उन सभी का धन्यवाद किया जो अपने परिवार से दूर रहकर, अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की हिफाजत कर रहे हैं और दिन-रात कोरोना से जंग में अपना कर्तव्य निभा रहे हैं |







