



गुरुग्राम : अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गुरुग्राम के युवा नेता मोहित मदनलाल ग्रोवर ने योगासान करते हुए योग से सबंधित बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने स्वास्थ्य एवं मंगलमय जीवन की कामना के साथ सभी को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की अंनत शुभकामनाएं दी।
योग है अहम् से वयं की यात्रा
उन्होंने बताया कि योग हमारे ऋषियों की हमारे पूर्वजो की हम सभी को दी हुई महान विरासत है और इसलिए आज हम में से प्रत्येक व्यक्ति को ये जानने की जरुरत है कि योग हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है। ये बात ठीक है कि योग से अनेकों शारीरिक लाभ होते हैं लेकिन योग इतने तक सीमित नहीं है, योग अहम् से वयं की यात्रा हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ यह अन्धकार से प्रकाश की यात्रा है। ये आत्मा को परमात्मा से और शक्ति को शिव से मिलाने का यात्रा है।
कोरोना संकट से उभारने के लिए योग जरुरी![अन्तराष्ट्रीय योग दिवस | International Yoga Day - Mohit Grover]()
उन्होंने कहा कि आज पूरा संसार ही कोरोना संकट से गुजर रहा है। जब हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है तब कोई वायरस या कीटाणु हमें संक्रमित नहीं कर पाता है। भारत समेत दुनिया के एक दर्जन देशों के 86 फीसदी लोगों का कहना है कि योग और प्राणायाम से जानलेवा कोरोना वायरस को मात दी जा सकती है। हम सभी को मिल करके कोरोना को हराना है तो इसके लिए हमे योग को अपनाना ही होगा। योग-प्राणायाम करने से हमारी एमुनिटी पॉवर बढती है, एक नई उर्जा का संचार हम अपने भीतर अनुभव करते हैं और इसलिए आज इस कोरोना को पराजित करने के लिए हम सभी को मिल करके योग को अपने जीवन में अपनाना ही होगा।
योग हो दिनचर्या का हिस्सा
उन्होंने बताया कि हमारे महान ऋषियों ने संदेश दिया हैं ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’ अर्थात ये शरीर वो माध्यम है जिसके द्वारा हमें अपने हर कर्तव्य को पूरा करना है इसलिए इस शरीर को स्वस्थ्य व सशक्त रखना ये हमारा सबसे पहला कर्तव्य है और मैं विश्वास से कह सकता हूँ साथियो, जो योग करेगा उसे कभी रोग नहीं आ सकता, जो योगी होगा वो कभी रोगी नहीं हो सकता और इसलिए इस अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हम संकल्प करें कि हम बिना साधना के भोजन नहीं करेंगे। अपने दिन की शुरुआत सबसे पहले हम योग से करेंगे।
जिस भी समस्या से लड़ रहे हैं उसे अपने परिजनों से साझा करें![अन्तराष्ट्रीय योग दिवस | International Yoga Day - Mohit Grover]()
उन्होंने कहा कि अवसाद और उसके कारण हो रही खुदकुशी के बढ़ते मामले निश्चित ही चिंता का विषय है। हमें परेशानियों से डरना नहीं चाहिए, उसका मुकाबला करना चाहिए। गीता में कर्म करने पर बल दिया है कि तेरे कर्म पर तेरा अधिकार है उसके फलों पर नहीं! तू आसक्त हो करके परिणाम की चिंता किये बिना, सुख- दुःख, जय – पराजय, लाभ हानि इन सभी की चिंता किये बिना कर्म के लिए कर्म कर..
उन्होंने आगे बताया कि मैं युवा पीढ़ी से अनुरोध करता हूँ कि जीवन में आप जिस समस्या से लड़ रहे हैं उसे अपने परिजनों से साझा करें। संकल्प के प्रति और भी दृढ़ समर्पण हो तो मैं विश्वास से कहता हूँ की सिद्धि अवश्य मिलेगी।







